जापानी उद्योगों का केंद्र बनता नीमराना
जापानी उद्योगों का केंद्र बनता नीमराना
विशेष
लेख
* kp prajapat
दिल्ली-जयपुर
राष्ट्रीय
राजमार्ग-आठ
पर पर्यटकों
को बरबस ही
अपनी ओर
आकर्षित करने
वाले नीमराना
फोर्ट और
आभानेरी जैसी
कलात्मक
बावड़ी के लिए
देश-दुनिया
में प्रसिद्ध
ऐतिहासिक ‘नीमराना’ कस्बे
में इन दिनों
जापानी
उद्यमियों की
चहल पहल देखते
ही बनती है।
जापान के
उद्यमियों
द्वारा यहां
लगाए जा रहे
उद्योगों के
कारण यह क्षेत्र
कमोवेश
जापानी
उद्योगों का केंद्र
बनता जा रहा
है। राजस्थान
का प्रवेश
द्वार माना
जाने वाला
अलवर जिला
मुख्यालय भी
निकट भविष्य
में दिल्ली से
बुलेट ट्रेन
समान 160 कि.मी. की
रफ्तार वाली
हाईस्पीड ट्रेन
सुविधा से
जुड़ने जा रहा
है।
नीमराना
राष्ट्रीय
राजमार्ग-आठ
पर दिल्ली-जयपुर
के बीचोंबीच
बसा हुआ है।
यह दिल्ली से
मात्रा 122
किलोमीटर दूर
है और दिल्ली
के इंदिरा
गांधी
अंतर्राष्ट्रीय
हवाई अड्डे से
इसकी दूरी
मात्रा सौ
कि.मी. ही है।
राष्ट्रीय
राजधानी क्षेत्र
(एन.सी.आर.) के
साथ ही
दिल्ली-मुम्बई
औद्योगिक
गलियारे
(डी.एम.आई.सी.) और
दिल्ली-मुम्बई
फ्रंट रेल
गलियारा का
हिस्सा होने
के कारण
नीमराणा का
भविष्य बहुत ही
उज्जवल है।
चूंकि यह क्षेत्र
निकट भविष्य
में देश का
सबसे बड़ा ‘ऑटो
केंद्र’ बनने
के साथ ही देश
के सबसे बड़े ऑटोमोबाईल्स
बाजार दिल्ली
का निकटतम
केन्द्र स्थल
भी होगा।
राजस्थान
सरकार द्वारा
राजस्थान
औद्योगिक विनियोजन
निगम (रीको) के
माध्यम से
राज्य के सिंह
द्वार माने
जाने वाले
अलवर जिले के
नीमराना में
पिछले कुछ
वर्षो से
विभिन्न
चरणों में
औद्योगिक
क्षेत्रों को
विकसित किया
गया है। जिसमें
सामान्य
औद्योगिक क्षेत्र
के साथ ही
निर्यात
संवर्द्धन
औद्योगिक
पार्क
(ई.पी.आई.पी.) और
मजराकाढ़ में
जेट्रो (जापान
एक्सट्रनल
ट्रेड ऑगनाइजेशन)
और राजस्थान
सरकार की पहल
से स्थापित ‘जापानी
जोन’ विशेष
उल्लेखनीय
है। इन
औद्योगिक
क्षेत्रों
में देश-विदेश
की कई जानी
मानी
कंपनियों ने अपनी
औद्योगिक
इकाईयां लगाई
हैं और कई नए
उद्योगों का
आगमन हो रहा
है जिससे एक ओर
जहां
राजस्थान की
औद्योगिक
प्रगति में नए
आयाम जुड़ रहे
हैं, वहीं
प्रदेश में
रोजगार के नए
मार्ग भी खुल
रहे हैं।
करीब
बारह सौ एकड़
में फैले इस
जापानी-जोन के
लगभग 70 प्रतिशत क्षेत्र
में जापानी
उद्यमियों
द्वारा अपनी
औद्योगिक
इकाईयां लगाई
जा चुकी हैं।
शेष 30 प्रतिशत
हिस्से के भी
शीघ्र भर जाने
की आशा है।
जापानी
उद्यमियों
द्वारा यहां 28
औद्योगिक
इकाईयां
स्थापित की जा
चुकी हैं
जिनमें
एयरकंडीशनर
के क्षेत्र
में, दुनियां
की नम्बर वन
कंपनी मानी
जानी वाली डेकन
एयर कंडीशन की
यूनिट विशेष
उल्लेखनीय है
जिसने भारत
में अपनी पहली
यूनिट
नीमराना में लगाई
है और इस पर
करीब 600 करोड़
रूपये का
निवेश किया जा
रहा है।
इसी
प्रकार ‘निसान
इंडिया
प्राइवेट
लिमिटेड’ ने
यहां 240 करोड़
रूपये का
निवेश कर अपनी
इकाई लगाई है।
इनके अलावा 400
करोड़ रूपये
के निवेश से
मित्सुई
केमिकल प्राईवेट
लिमिटेड, 160
करोड़ रूपये
की लागत से
यूनीयार्च
हाईजेनिक
प्राईवेट
लिमिटेड, 120
करोड़ रूपये
के निवेश से
ए.सी.आई.
मित्सुई प्राईम
एडवांस
कंपोजिट
प्राईवेट
लिमिटेड, 155
करोड़ के
निवेश से ऑटोपार्टस
की कंपनी
मिकुनी
इंडिया
प्राईवेट लिमिटेड
एवं 100 करोड़
रूपये के
निवेश से लगाई
गई एन.वाय.के.
लॉजिस्टिक
इंडिया
लिमिटेड के
साथ ही
डिस्किंग, मित्सुबिशी, डिकीकलर, टीकुकी, हॉवेल्स
आदि उद्योगों
के नाम
प्रमुखता से
गिनाए जा सकते
हैं, जो
नीमराना को
जापानी
उद्योगों का केंद्र
बना रहे हैं।
इस केंद्र के
विकसित होने
से नीमराना
में 21.5 अरब के
निवेश की साथ
ही 3 हजार से
अधिक लोगों को
रोजगार
उपलब्ध हो
सकेगा। साथ ही
यहां आवास एवं
अन्य योजनाओं
का तेजी से
विकास होगा।
नीमराना
में दुनिया की
सबसे बड़ी
स्टील कंपनी
मानी जाने
वाली ‘नियोन
स्टील’ की एक
यूनिट का
कार्य भी
निर्माणाधीन
है जिस पर 300
करोड़ रूपये
से भी अधिक का
निवेश होने का
अनुमान है। इस
स्टील कंपनी
की दुनिया भर
में 150 यूनिट्स
हैं। निकट
भविष्य में और
भी बड़ी
कंपनियां
जिसमें हीरोहोंडा
जैसी
कंपनियां भी
शामिल है, यहां
अपनी यूनिट्स
लगाने जा रही
है।
नीमराना
में रीको के
वरिष्ठ क्षेत्रीय
प्रबंधक श्री
आर.सी.जैन
बताते हैं कि
नीमराना फेज-1 और
फेज-2 के बाद अब ‘‘गिलोट’’ में
फेज-3 में भी कई
बड़े उद्योग आ
रहे है। वे
बताते हैं कि
दिल्ली-हरियाणा
और राजस्थान
का संगम स्थल और
प्रदेश का
प्रमुख
औद्योगिक क्षेत्र
‘भिवाड़ी’ को
दिल्ली-मुम्बई
फ्रेंट
कोरीडोर के
अंतर्गत रेल
से जोड़ा जा
रहा है। यह
रेल मार्ग
दिल्ली से
रेवाड़ी, भिवाड़ी, जयपुर
होते हुए
मुम्बई तक
जाएगा। इसका
सबसे अधिक लाभ
नीमराना को
मिलेगा।
राष्ट्रीय
राजमार्ग-8 के
अंतर्गत
दिल्ली जयपुर
मार्ग को छह
लेन में बदला
जा रहा है और
यहां इस मार्ग
पर कई फ्लाई ऑवर
बन रहे है
जिससे
नीमराना की
दिल्ली और
जयपुर से दूरी
और कम हो
जायेगी। छह
लेन के इस
मार्ग के
समानांतर एक
सुपर
एक्सप्रेस
हाईवे के निर्माण
की भी योजना
है,
जो
नीमराना से
होकर ही
गुजरेगा।
जापानी
उद्यमियों की
तरह ही
नीमराना में
अन्य देश के
उद्यमी भी
बड़े पैमाने
पर निवेश करने
को आतुर दिखाई
दे रहे है।
हाल ही ये 15
अफ्रीकी
देशों के 25
सदस्य दल ने
नीमराना का
दौरा किया है।
इसी प्रकार
ताईवान की 3700
कम्पनियों के
संगठन ‘‘टीमा’’ के
प्रतिनिधि भी
नीमराना में ‘‘ताईवानी
जोन’’ की
स्थापना की
संभावनाओं को
तलाशने का
उपक्रम कर
चुके हैं।
कार्गो
हवाई अड्डे की
योजना
वर्तमान
में निकटतम
कार्गो पोर्ट
दिल्ली और
ड्राई-पोर्ट
रेवाड़ी (हरियाणा)
में होने से
उद्यमियों को
हो रही असुविधा
को दूर करने
के लिए
नीमराना के
निकट एक कार्गो
एयरपोर्ट
बनाने की
योजना पर भी
विचार किया जा
रहा है। यह
हवाई अड्डा
अजरका और
कोटकासिम के
मध्य बनाना
प्रस्तावित
है। इससे
नीमराना-
शाहजहांपुर-भिवाड़ी
और बहरोड़ में
स्थापित
उद्योगों के
उत्पादों को
कार्गो
परिवहन की
सुविधा
मिलेगी और
उन्हें बहुत ही
कम समय में
देश-विदेश के
गंतव्य
स्थानों एवं
बाजारों तक पहुंचाया
जा सकेगा। इस
कार्गो हवाई
अड्डे को
नीमराना से
जोड़ने के लिए
नीमराना-टपूकड़ा
के मध्य छह
लेन का एक
समर्पित रोड
बनाया जाना भी
प्रस्तावित
है जिसकी
लंबाई मात्रा 50
कि.मी. होगी।
राष्ट्रीय
राजधानी क्षेत्र
के अंतर्गत
बनने वाले तीन
उप महानगरों
में भी
नीमराना-शाहजहांपुर
और बहरोड़ को
शामिल किया
जाना प्रस्तावित
है।
डी.एम.आर.सी. के
निवेश क्षेत्र
के अंतर्गत
नीमराना और
खुशखेड़ा को
पहले चरण में
शामिल कर यहां
नोएडा-गुड़गांव-फरीदाबाद
जैसी
औद्योगिक टाऊनशीप
विकसित करने
की योजना है
जिससें
भविष्य में
पूरे क्षेत्र
का संर्वागीण
विकास होगा।
नीमराना
को आने वाले
कल का भविष्य
मानने वाले
राजस्थान के
उद्य़ोग
मंत्री श्री
राजेन्द्र
पारीक बताते
हैं कि जापानी
उद्यमियों के
अदम्य साहस की
जितनी
प्रशंसा की
जाए कम होगी
चूंकि जापान
में पिछले
वर्षो में आए
जर्बदस्त झंझावतों
के बावजूद वे
नीमराना में
निवेश के
प्रति
जबर्दस्त
रूझान बनाए
हुए हैं। वे
बताते है कि
प्रदेश में
उद्योग लगाने
वाले उद्यमी
प्रदेश में
आधारभूत
सुविधाओं और
विदेशी
निवेशकों के
प्रति राज्य
सरकार के उदार
दृष्टिकोण से
प्रभावित
होकर प्रदेश
में निवेश कर
रहे हैं। इसी
के फलस्वरूप
हीरोहोंडा, अशोक
लिलेंड, मारूति, आईसर, सेन-गॉबिन, जैसी
कंपनियां
प्रदेश में
अपने
उद्योगों की स्थापना
कर रही है।
रीको
के अध्यक्ष
एवं राज्य के
प्रमुख
उद्योग सचिव
श्री सुनील
अरोड़ा
भिवाड़ी से
शाहजहांपुर
नीमराना और
बहरोड़ तक के क्षेत्र
को देश के एक
बड़े
औद्योगिक केंद्र
के रूप में
विकसित होने
की उम्मीद
रखते हैं। साथ
ही इस क्षेत्र
में
प्रस्तावित
दिल्ली-मुम्बई
फ्रेट
कोरीडोर, बड़े
आवासीय
परिसरों के
निर्माण, राष्ट्रीय
राजधानी
दिल्ली के
उपमहानगरों के
बसावट आदि
योजनाओं और
यहां बड़े
उद्योगों के
सहायक कुटीर
उद्योगों के
पनपने और शैक्षणिक
संस्थाओं
होटल्स, वाणिज्यिक
संस्थाओं आदि
के आगमन के
साथ ही अलवर, सरिस्का
वन अभ्यारण्य, नीमराणा
दुर्ग सहित
मौजूदा
पर्यटन
केन्द्रों के
पर्यटन की
दृष्टि से और
अधिक विकास की
संभावनाओं को
प्रदेश के
चहुंमुखी
विकास में मील
का एक और
पत्थर लगने के
समान मानते हैं।
इसी
प्रकार
नीमराना और
तीजारा फोर्ट, तीजारा
का जैन मंदिर
तथा सरिस्का
टाईगर डेन और
अलवर के
सुरम्य
पर्यटन
स्थलों से
नजदीक होने से
नीमराना में
औद्योगिक
विकास के
साथ-साथ पर्यटन
विकास की
संभावनाओं को
भी बल मिलने
की उम्मीद है।
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